Namaz Ki Sharten In Hindi - वो शर्ते जो नमाज़ में होना ज़रूरी है । - Hindi pe

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Tuesday, 25 August 2020

Namaz Ki Sharten In Hindi - वो शर्ते जो नमाज़ में होना ज़रूरी है ।

Namaz Ki Sharten In Hindi - वो शर्ते जो नमाज़ में होना ज़रूरी है ।

Namaz Ki Sharten In Hindi - वो शर्ते जो नमाज़ में होना ज़रूरी है ।

नमाज़ को शुरू करने के लिए सब से पहले हमें नमाज़ में क्या ज़रूरी शर्ते है इन शर्तो को सीखना और समझना पड़ेगा क्यों कि 1 भी शर्त छूट जाए तो किसी भी मोमिन की नमाज़ नही होती । तो यहां पर हम उन शर्तो के बारे में ज़िक्र करेंगे ।

नमाज़ में 6 शर्ते है


( 1 ) बदन का पाक होना

यानी बदन नापाक है तो गुसल (नहाना) कर ले और वज़ू भी कर ले ।

कुरान में अल्लाह का इरशाद है : ए ईमान वालो तो अपने मुंह हाथ कुहनियो तक धो लो और सर पर मसह कर लो और पैर टखनो तक धो लो और अगर तुम नापाकी की हालत में हो तो गुसल (नहाना) कर के पाक हो जाओ।

( 2 ) कपडे का पाक होना

कपडे पर अगर कोई गंदगी लगी हो तो कपडे के उस गंदगी को साफ कर ले अगर पूरा कपडे नापाक हो तो उस कपडे को धो ले फिर पहन कर नमाज़ पढ़े ।

( 3 ) जगह का पाक होना 

कपडे की तरह ही जिस जगह आप नमाज़ पढेंगे उस जगह का पाक होने ज़रूरी है अगर आप ने नापाक जगह पर नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ नही होगी । इस लिए पाक जगह पर नमाज़ पढ़े या अगर जगह नापाक हो तो उस जगह को धूल ले तब नमाज़ पढ़े ।

( 4 ) स्तर का छुपा होना

स्तर जिस्म का वह हिस्सा जिसका कपड़े से छिपा होना ज़रूरी है ।

मर्द का नाफ़ ( पेट के बीचों बीच जो छेद है ) से ले कर घुटनो तक छिपाना फ़र्ज़ है ।

और औरत के दोनों हथेलियों,चेहरे और दोनों पैरों के अलावा पूरे बदन का छिपाना फ़र्ज़ है । 

नमाज़ में ये जगह यानी स्तर खुली रहेगी तो नमाज़ नही होगी।

( 5 ) नमाज़ का वक्त होना 

हर नमाज़ के लिए मुकर्रर वक्त ( टाइम ) है । इसी लिए जब नमाज़ का वक्त हो जाये तभी नमाज़ पढ़ना दुरुस्त है । मुक्कर वक्त के बाद पढ़े तो नमाज़ क़ज़ा हो जाती है ।

( 6 ) अपना रुख क़िबले की तरफ करना 

सरियत ने मुसलमानों के लिए एक रुख ( दिसा ) मुकर्रर किया है इसी को किबला कहते है । एक मुसलमान इस पूरी दूनी में जहा कहि हो उसे क़िबले की तरफ रुख से कर के नमाज़ पढ़नी होगी और वह रुख खाना काबा ( अल्लाह का घर ) है।

( 7 ) नमाज़ की नीयत करना 

नियत कैसे करे ?

जिस वख्त की नमाज़ पढ़नी है उस नमाज़ का इरादा दिल मे करना यही नियत करना है । 

जबान से बोलना बेहतर है जैसे आप ज़ुहर की नमाज़ पढ़े तो ऐसे कहे नियत करता हु ज़ुहर की 4 रकात नमाज़ फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर ( इतना कह कर हाथ बांध लें ) ।

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